Wednesday, 19 June 2013

A healthy Myth

खुश हूँ बहुत, दिल से ये आज कहा है मैंने
शायद इसी बहाने, मुस्कान चेहरे पे मेहरबान हो जाये ...
लम्बे अरसे के बाद सुन इस ख़ुशी के लफ्ज़ को
धडकनों की गति ना बेकाबू हो जाये
दिलचस्प जिंदगी को बोझिल बना दिया था
ख्वाबों के बादलों की आज एक सैर हो जाये
कामयाबी की प्यास से शुष्क हो गया था जो मन
उम्मीदों की इस बारिश में गीत कोई गुनगुनाना चाहे
खुश हूँ बहुत, दिल से ये आज कहा है मैंने
शायद इसी बहाने, मुस्कान चेहरे पे मेहरबान हो जाये ...